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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी भाग 7

 गिरिजा एक सफल ब्यूटीशियन जी जिसका दिल्ली एनसीआर में एक काफी महंगा ब्यूटी पार्लर था । धनवान और पोश लोगों में वह काफी लोकप्रिय थी और धड़ल्ले से वह अपना ब्यूटी पार्लर चलाती थी।

 जिसका नाम  जी ब्यूटी ( G beauty )था ।
वह भी आरती की काफी गहरी दोस्ती दोस्त थी।

 दूसरे दिन ऑफिस मेंः

 आरती अपने काम मेंव्यस्त  थी।उसे ऑर्डर पर बन रहे आउटफिट्स पर भी नजर रखना था और संडे को होने वाले फैशन परेड के लिए डिजाइन भी सेलेक्ट करना था।

 अनामिका अपने काम में व्यस्त थी क्योंकि  फैशन वाक में उसी की मुख्य भूमिका थी।

दूसरे दिन संडे था और संडे के दिन फैशन परेड होने वाला था शाम तक सुबोध कंपनी का मालिक भी आने वाला था ।
आरती यह चाहती थी कि सुबोध के आने से पहले सारे काम अच्छी तरह से हो जाए जिससे सुबोध को कोई भी नुक्स निकालने की जरूरत नहीं महसूस हो।

 यही सोचकर आरती ने अनामिका से कहा

,, आरती आज सारे लिस्ट तैयार कर दो सारी मॉडल्स के।
सारी डिजाइन्स एक बार फिर से छांट लो।,,

   अनामिका--,,आरती कुछ डिजाइन रेडी हैं और कुछ ऑन प्रोसेस है।शाम तक रेडी हो जाएगा..।अरे तू सुबोध का टेंशन मत लिया कर..तुझे नहीं निकालेगा कभी कंपनी से..आखिर तेरे ऊपर ही तो ऐश करता है..!तू गई तो  s  का क्या होगा?,,

वह जोर से खिलखिला उठी ।
उसकी बात सुनकर आरती मुस्कुरा दी।सच बात थी कि सुमंगलम में आरती बैकबोन थी लेकिन यह भी सच था कि सुबोध ने आरती को बहुत सुविधाएं भी दीं थीं।
आरती खुद को सुमंगलम का एक हिस्सा मानती थी खुद को।
अनामिका के सिलेक्ट किए सारे ड्रेसेज, गाऊन और अन्य आउटफिट्स चेक करने के बाद आरती नीचे चली गई जहां कि कारीगर मशीन पर कपड़े सिलने में लगे थे।
एक एक कपड़ों की सिलाई, कढाई पर नजर रखते हुए कब सात बज गए पता ही नहीं चला।

ठीक साढ़े सात बजे सुबोध ने एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए फोन किया।

,,आरती ऑल थिंग्स आर ओके..!,,

,,यस सर..!,,

फिर सुबोध के आने के बाद सारी चीजों के डिस्कशन के बाद 
सुबोध ने कहा
,,अनामिका ,आरती, तुम दोनों पर ही मेरे फैशन वाक डिपेंड है।किसी भी तरह से यह फ्लॉप नहीं होना चाहिए।इसके लिए एक ऑरग्नाइजर मिल गया है जो हमारे साथ फिफ्टी फिफ्टी के प्रोफिट पर है।

जेपीजी मॉल में कल दोपहर 2:00बजे से शो शुरू होगा।मैंने सभी जगह इन्विटेशन भेज दिया है।दोपहर का लंच, शाम के स्नैक्स और हल्के मॉकटेल के साथ हमारा यह शो होगा।
प्रे गॉड.. होपफुली..इट विल...बेटर..।तो कल आपलोग अपने काम संभाल लीजिएगा इन बेटर वे...!,,

,,यस सर...आरती ने कहा।वहीं पर रात के नौ बज चुके थे।
सुबोध के जाने के बाद आरती ने अनामिका से कहा
,,आज तो गिरीजा ने कोई सरप्राइज रखा है।,,

अनामिका--,,हाँ,मुझे भी नहीं बताया.. चलो उसके घर ही पहुंचेंगे.. डायरैक्ट..!,,

रात काफी हो गई थी इसलिए रोड पर ट्रैफिक नहीं था।
दोनों सहेलियाँ लगभग सवा दस बजे तक गिरीजा के फ्लैट में पहुंच गईं।

वहां सिम्मी और पायल पहले से मौजूद थीं।एक और शख्स था--गगन, अनामिका का एक्स ब्वॉयफ्रेंड जो गिरीजा का दूर का भाई भी लगता था।
पिछले कुछ समय से गगन अमेरिका में कुछ स्पेशल स्टडीज के लिए गया था ।

डायनिंग टेबल पर तरह तरह के डिशेज, स्वीट्स और स्नैक्स सजे थे। दीवारों पर बैलूनों की लड़ियाँ लगीं थीं।
,,हाय रब्बा.. शादी करने वाली हो क्या..!,,कमरे की सजावट और खाने की डिशेज देखकर आरती के मुँह से निकल गया।
,,ना आरती ना.. शादी मेरी नहीं हो रही मैं तो अनु की कराएंदा..!देख दूल्हा राजा यहां है ही।,,

,,ह्म्म्म..!,अनामिका मुस्कुरा दी।हाय गगन कैसे हो?वापस लौटे हो या फिर जाओगे..।,,

,,नहीं, अभी फिलहाल नहीं।अगर यहां जम गया तो नहीं वरना..!,,

,,ओके..!,,अनामिका ने कहा।गगन उसका एक्स ब्वॉयफ्रेंड था।

 पढ़ाई के बाद पहली जॉब पर गगन से उसकी मुलाकात हुई थी।काफी लंबी दोस्ती चली।कुछ दिन लिवइन में भी रहे थे लेकिन फिर अलग हो गए थे दोनों।

आज बहुत दिनों बाद गगन को पास देखकर अनामिका को फिर से पुराने दिन याद आने लगे।आज गगन का साथ अच्छा लग रहा था।

,,नाऊ टाइम टू डिक्लेयर माय सीक्रेट..!,,अचानक गिरीजा ने कहा तो अनामिका ने गगन को ताकती अपनी निगाहें हटाकर गिरीजा पर टिका दिया।

,,देखो गाइज, मेरा सीक्रेट.. मैंने अपने ब्यूटी पार्लर को एज अ कंपनी में बदल लिया।गवर्नमेंट से अप्रूवल मिल गया मुझे..।
 अब  G beauty बाकायदा डिप्लोमा और डिग्री भी देगी।जॉब ओरिएंटेड प्रोग्राम भी चलाउंगी और देश भर में ब्यूटी पार्लर के चेन भी खोलूंगी..।है न बेस्ट सरप्राइज..!,,

,,वाओ...!,ग्रेट यार गिरीजा..!,,

पूरा कमरा तालियों से भर चुका था।

तो इसी बात पर चलो अब शुरू हो जाओ सब आज जश्न है सेलिब्रेट करेंगे..।

होम थिएटर पर रंगीन धुन बज रहा था।सब मस्ती में भरकर डांस कर रहे थे।
अनामिका और गगन कई बार साथ टकराए।
गगन ने अनामिका का हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया और उसकी आँखों में झांकते हुए कहा
,,एक बार फिर से मौका दो अनु...इसबार शायद मैं ..!,,
,,अनामिका ने भी अपने हाथ नहीं छुड़ाया।अंगुलियां गगन के बलिष्ठ हथेलियों में पिघलती रहीं।वो आग जो कभी दोनों ने मिलकर लगाया था.. एक बार फिर से चिंगारी बनने लगी थी।

दोनों सबसे अलग एक दूसरे में ही खोये थे।

**
पायल ने अपने जॉब से इस्तीफा दे दिया था।अब उसे गिरीजा में एक अवसर नजर आ रहा था।
उसने खाने की प्लेट लेकर आरती के पास आ पहुंची और उससे कहने लगी
,,मैं भी एक छोटा सा प्लांट डालने की सोच रही हूं।कब तक बॉस की चिकपिक सुनती रहूंगी।तुम्हारी तरह स्मार्ट और काबिल मैं नहीं हूँ ना आरती.. बस कोई ऑफिस या स्कूल मिल जाए..यूनिफॉर्म कोड बना कर ही मैं खुश रहूंगी।,,

आरती--,,गुड आइडिया पायल।कोई मेरी जरूरत हो तो मुझे कहना।मैं भी तुम्हारी मदद जरूर करूंगी।,,

पायल--,,ओके थैंक्स आरती।मैं कल से ही तैयारी शुरू कर देती हूं।,,

तभी सिम्मी वहां आकर कनखियों से दोस्तों को इशारे करती है।
सब उधर देखने लगते हैं।अनामिका गगन के बाहों में खोई हुई थी और गगन भी अपने बाहों में उसे समेटे हुए था।

,,हं...हं..,,गिरीजा ने जोर से खंखारा तो अनामिका गगन से अलग हो गई।सब हंस पड़े तो अनामिका और गगन झेंप गए।

,,दोनों उड़ती तितलियों!,कै कर रहे थे।ये सब खुले में नहीं किया जाता...!,,
गिरीजा ने कहाऔर हंस दी।
 गिरीजा की बात पर सब जोर से हंस पड़े।

गगन ने अनामिका के हाथ पकड़कर कहा
,,एक बार.. मौका दो..आइ प्रामिस.. गलती का मौका नहीं दूंगा।,,
अनामिका मान जाती है।तो गगन खुशी से उसके होठों पर अपने होठों की तितलियां रख देता है...!

गिरीजा--,,भाई मेरे अब और नहीं।अब तू लेगा बस फेरे।चल एक दूसरे को रिंग पहना तुम दोनों की आज ही इंगेजमेंट होगी।
यह कहकर वह अपने कमरे से अपनी दो सोने की अंगूठियां लेकर आती है।
गगन और अनामिका दोनों एक दूसरे को अंगूठी पहना देते हैं।

गिरीजा--,,वाओ,टू गुड..!वह एक आँख झपकाती है।

खुशियों और तालियों से कमरा महक गया था।
स्टीरियो में अब भी प्यार भरे धुन निकल माहौल को हॉट बना रहे थे।

***
क्रमशः...
सीमा...✍️🌹





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4 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

22-Jun-2022 11:05 AM

बहुत खूब

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Pallavi

21-Jun-2022 05:19 PM

Nice post 😊

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Mohammed urooj khan

19-Jun-2022 05:26 PM

Nice भाग

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